Indicators on shiv chalisa in hindi lyrics You Should Know
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मातु पिता भ्राता सब कोई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
तुह्मरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।।
शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी - राम भजन
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
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नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
अर्थ- हे click here भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।